Dr. Abhishek Ranjan

मूत्र के गुणों का तुलनात्मक अध्ययन

मूत्र चरक सुश्रुत गौ मधुर, कृमिकुष्ठनुत मेध्य, सक्षार अजा पथ्य, दोषान्निहन्ति कषाय, मधुर कासश्वासापहं माहिष सक्षार, शोफ अर्श नाशक दुर्नामोदरशूलेषुकुष्ठ मेहाविशुद्धिषु आवि पित्त अविरोधी, तिक्त कास प्लीहोदरश्वासशोषवर्चोग्रहे वाजि तिक्त,कटु, कुष्ठ व्रण, विषापहम् वातचेतोविकारनुतकृमिदद्रुषु शस्यते उष्ट्र श्वास कास अर्श अर्शोघ्न हाथी कृमिकुष्ठीनाम, प्रशस्त बद्ध विणमूत्र तीक्ष्णक् क्षारे किलासे च नाग मूत्र प्रायोजयेत गधी उन्माद, अपस्मार,ग्रहबाधानाशक गरचेतोविकारघ्न,ग्रहणीरोगनुत …

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Important questions for shalya tantra (paper -1)

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न (२० शब्द) सुश्रुत संहिता पर लिखी हुई किन्हीं दो टीका के नाम लिखें। शल्य चिकित्सक के गुण लिखें। शस्त्रों की संख्या बताते हुए उनके नाम लिखें। शस्त्रकोष का वर्णन करें। Write the stages of depth of anesthesia. What is saddle block. स्नायु मर्म की संख्या बताते हुए उनके नाम लिखें। क्षार के …

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Important questions for Shalya tantra

शल्य तंत्र (प्रथम प्रश्न पत्र) अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न (२० शब्दों में) शल्य शल्य तंत्र की परिभाषा लिखें। सीवन कर्म के प्रकारों का नाम उल्लेख करे। शुद्ध व्रणके लक्षण लिखें। संज्ञा हरण के विभिन्न प्रकार एवं उप प्रकार लिखें। ‘नो का नियम ‘वर्णन करें। यंत्रों यंत्रों के प्रकार लिखते हुए उनकी संख्याओं का वर्णन करें। …

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