Rasa Shastra – Pribhasha evum dravya varga prakaran – 3

अमृतीकरण : – लोहादीनां मृतानां वै शिष्टदोषापनुत्तये। क्रियते यस्तु संस्कार अमृतीकरणं मतम् । । धातुओं आदि की भस्म करने के पश्चात् भी उसमें शेष रहे हुए दोषों को दूर करने वाले संस्कार को अमृतीकरण कहते है । अमृतीकरण से गुण की वृद्धि तथा वर्ण की हानि होती है । लोहितीकरण : – अमृतीकरण से भस्म … Continue reading Rasa Shastra – Pribhasha evum dravya varga prakaran – 3