1.पिच्छिला, स्राविणी, विप्लुता, उपप्लुता, उत्ताना, उन्नता, शून, स्फोट व शूल लक्षण वाले योनि रोग में किसका प्रयोग निर्दिष्ट है –
(a) सुराकिट्ट चूर्ण
(b) धातक्यादि तैल
(c) पञ्चवल्कल तैल
(d) उदुम्बरादि तैल
2. “शतयोजननिम्नांस्तान्कश्त्वा कूपास्तु पञ्च च” किसकी पौराणिक उत्पत्ति के संदर्भ में है –
(a) स्वर्ण
(b) अभ्रक
(c) वज्र
(d) पारद
3.”यमज में एक संतान की मृत्यु तथा दूसरे संतान को बालग्रह ग्रहण कर ले” वो जातहारिणी है –
(a) संदंशी
(b) पुण्यजनी
(c) कर्कोटकी
(d) इन्द्रबडवा
4.“समं मित्रे च शत्रौ च’ किस मानस प्रकृति का लक्षण है –
(a) याम्य
(b) कौबेर
(c) प्रजापात्य
(d) कोई नहीं
5.भावप्रकाश के अनुसार सभी स्थान में उत्पन्न होने वाली हरीतकी की जाति है –
(a)पूतना
(b) चेतकी
(c) रोहिणी
(d) अभया
6. ‘आमाशयेतर श्लेष्माशया शून्यता’ व ‘अन्तर्दाह’ ये किसका लक्षण है –
(a) पित्त क्षय
(b) कफ क्षय
(c) कफ वृद्धि
(d) पित्त वृद्धि
7.आरोग्यवर्धनी वटी के 12 घटक द्रव्यों में निम्नलिखित है –
(a) एरण्डमूल
(b) पिप्पलीमूल
(c) चित्रकमूल
(d) पुष्करमूल
8.’शोथो नक्तं प्रणश्यति’ किस शोथ के संदर्भ में कहा है –
(a) वातज
(b) पित्तज
(c) कफज
(d) सन्निपातज
9.”सूतबंधन कारकः’ किसके लिये है –
(a) रत्न
(b) अभ्रक
(c) गंधक
(d) चपल
10.अन्न, कूर, भिस्सा व दीदिबि आदि के निर्माण में भावप्रकाश अनुसार कितना गुना जल मिलाते हैं –
(a) 4
(b) 8
(c) 5
(d) 14
11.”तैलं हित चोत्तर बस्तिषु” सुश्रुत ने किसकी चिकित्सा में निर्देश किया है-
(a) मूत्ररक्त
(b) उष्णवात
(c) मूत्रक्षय
(d)वातबस्ति
12.भल्लातक के दस योगों में क्या नहीं है –
(a) सर्पि
(b) तैल
(c) अवलेह
(d) लवण
13.आचार्य चरक ने गुल्म के कितने स्थान माने हैं –
(a) 2
(b) 3
(c) 5
(d) 8
14.The Councilman bodies are seen in –
(a) Liver
(b) Pancreas
(c) Spleen
(d) Kidney
15. ‘संधिबन्धविच्छेद’ व ‘स्तन्यशुक्रमेदसामुपहन्ता’ सुश्रुतानुसार ये किस रस का गुणकर्म है –
(a) अम्ल
(b) तिक्त
(c) कटु
(d) कषाय
16.महासहा, क्षुद्रसहा, मधुक, श्वदंष्ट्रा व कण्टकारी सिद्ध सर्पि का प्रयोग करते हैं –
(a) बस्ति उदर शूल
(b) गर्भपात
(c) गर्भरक्तस्राव
(d) गर्भवेदना
17. “उष्ण वीर्य हिमस्पर्श भेदनं कासनाशनम्। रूक्षं नेत्रहितं केश्यं कृमि वैस्वर्य नाशनम्” भावप्रकाश अनुसार किसका गुण है –
(a) हरीतकी
(b) विभीतकी
(c) मरिच
(d) अजमोदा
18.’वृत्तोन्नतं विग्रथितं तु शोफ’ यह किसका लक्षण है-
(a) अर्बुद
(b) विसर्प
(c) ग्रंथि
(d) श्लीपद
19.’मूत्रजवृद्धि’ किस दोष के कारण होती है –
(a) वातज
(b) पित्तज
(c) कफज
(d) वातकफज
20. “स्थूलाणुसमविषम पालि……’ में किस प्रकार का कर्ण बंधन प्रयोग करेंगे –
(a) कपाट संधि
(b) व्यायोजिम
(c) नेमिसंधानक
(d) गण्डकर्ण
21.The sago spleen is seen in –
(a) Chronic myeloid leukaemia
(b) Amyloidosis
(c) Kala-azar
(d) Chronic falciparum malaria
22. चरकानुसार प्रायोगिक धूमनेत्र की लम्बाई वैरेचनिक से कितना गुना होता है-
(a) 1/2
(b) 2
(c) 12
(d) 14
23. दन्त धावन हेतु कौन-सा रस युक्त दातौन का वर्णन चरक ने नहीं किया है –
(a) कषाय
(b) मधुर
(c) तिक्त
(d) कटु
24. धाराधरात्य (घनात्यय ) ऋतु में बल तथा रस क्रमश: कैसा होता है –
(a) मध्यम व कषाय
(b) अल्प व अम्ल
(c) मध्यम व लवण
(d) श्रेष्ठ व तिक्त
25. ‘दशाङघ्री’ व ‘श्रीमदा’ क्वाथ का पिचु धारण किस योनिव्यापद की चिकित्सा है –
(a) वातज
(b) अचरणा
(c) सन्निपातज
(d) पुत्रघ्नी
AIAPGET Model paper -1 (part-2)