1. प्रमुख रसशास्त्रीय ग्रन्थों में अध्याय नाम : –
* गौरक्ष संहिता, रसार्णव –
गौरक्षसंहिता | |
पुस्तके
Certainly. Here is the summary of the Rasashastra notes in Hindi:
रसशास्त्र नोट्स का सारांश (Summary of Rasashastra Notes)
यह चित्र BAMS (आयुर्वेदिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा स्नातक) के लिए तैयार किए गए नोट्स का एक हिस्सा है, जो विशेष रूप से रसशास्त्र (आयुर्वेदिक रसायन/भेषज विज्ञान) विषय से संबंधित है।
परिचय और मुख्य अवधारणाएँ (Introduction and Core Concepts)
परिभाषा/उद्देश्य: रसशास्त्र का परम प्रयोजन मोक्ष की प्राप्ति बताया गया है, और इसका उपयोग दरिद्रता और व्याधि (रोगों) को नष्ट करने के लिए किया जाता है।
रस (पारा) का महत्व: रस (पारे) की सिद्धि करने पर जगत से दरिद्रता और व्याधि नष्ट हो जाती है।
सिद्ध आचार्य: कुल 84 सिद्ध आचार्य (मास्टर) माने गए हैं।
रसशास्त्र के प्रवर्तक: रसशास्त्र के 27 प्रवर्तक (पायनियर्स) हैं।
प्रमुख योगदानकर्ता (Important Contributors)
सभी महत्वपूर्ण सिद्धांतों और ग्रंथों के साथ नागार्जुन का नाम जुड़ा है:
| अवधारणा/ग्रंथ (Concept/Text) | संबंधित नाम (Associated Name) |
|—|—|
| रसायन के गुरु (Teacher of Rasayana) | नागार्जुन |
| षट्कर्म के प्रवर्तक (Pioneer of Shad-karma) | नागार्जुन |
| रस विद्या के ज्ञाता (Expert in Rasa Vidya) | नागार्जुन |
| आधर् योगमाला के रचयिता (Author of Adhāra Yōgamālā) | नागार्जुन |
प्रमुख रस शास्त्रीय ग्रंथों में अध्याय के नाम (Chapter Names in Major Rasashastra Texts)
आयुर्वेद के विभिन्न ग्रंथों में अध्यायों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
| ग्रंथ का नाम (Name of the Text) | अध्याय का नाम (Chapter Name) | याद करने के लिए संकेत (Handwritten Mnemonics) |
|—|—|—|
| गोरक्ष संहिता (Gōraksha Saṃhitā) | पटल (Paṭala) | गौरी लड़की \to पलट |
| रस रत्नाकर (Rasa Ratnākara) | खण्ड (Khaṇḍa) | रत्न गिराने पर टूट जाएगा \to खण्ड |
| रसहृदयतंत्र (Rasa Hṛdaya Tantra) | अवबोध (Avabodha) | हृदय को बोध हो गया |
| आनन्दकन्द (Ānandakanda) | उल्लास (Ullāsa) | – |
| रसतरंगिणी (Rasa Taraṅgiṇī) | तरंग (Taraṃga) | – |
कुछ प्रमुख पुस्तकें और उनके लेखक (Important Books and Their Authors)
| पुस्तक का नाम (Name of the Book) | लेखक (Author) |
|—|—|
| आनन्द कन्द (Ānanda Kanda) | मण्ड़ाव भैरव (Maṇḍāva Bhairava) |
| आयुर्वेद प्रकाश (Āyurvēda Prakāśa) | माधव उपाध्याय (Mādhava Upādhyāya) या केशव पंडित (Kēśava Paṇḍita) |
यह नोट्स रसशास्त्र की मूल बातें और उसके प्रमुख ग्रंथों को याद रखने में सहायक हैं। क्या आप इनमें से किसी विशेष ग्रंथ या अवधारणा के बारे में और जानना चाहेंगे?
You got it! Based on the image content, here are some fill-in-the-blank questions. Try to answer them without looking back at the notes! 😉
Rasashastra Fill-in-the-Blanks
रसशास्त्र का परम प्रयोजन है: _____________
कुल सिद्ध आचार्य की संख्या है: _____________
आधर् योगमाला के रचयिता हैं: _____________
गोरक्ष संहिता में अध्याय का नाम \underline{\hspace{4cm}} है।
रसहृदयतंत्र में अध्याय का नाम \underline{\hspace{4cm}} है।
आनन्द कन्द में अध्याय का नाम \underline{\hspace{4cm}} है।
आयुर्वेद प्रकाश के लेखक हैं: \underline{\hspace{4cm}} ।
रस रत्नाकर में अध्याय का नाम \underline{\hspace{4cm}} है।
🔑 Answers (उत्तर)
मुक्तिरेव परमं प्रयोजनम (मोक्ष)
84
नागार्जुन
पटल (Paṭala)
अवबोध (Avabodha)
उल्लास (Ullāsa)
माधव उपाध्याय / केशव पंडित
खण्ड (Khaṇḍa)