1. भरद्वाज ऋषि के अन्य नाम – _________
2. इन्द्र के कोई 5 पर्याय बताइए – __________
3. आयुर्वेदावतरण के संदर्भ में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
ब्रह्मा – ___A___ – अश्विनी कुमार – शतक्रतु ___B___ – आत्रेय पुनर्वसु – अग्निवेश, भेल, ___C___, जतुकर्ण, पाराशर, हारीत
4. धर्मार्थकामोक्षणाम् _________ मूलमुत्तमम्।
5. रोगास्तस्यापहर्तारः _______ जीवितस्य च ॥ [UK 2015]
6. प्रथम सम्भाषा परिषद् का स्थान – _________
8. चरक सूत्र 01 के अतिरिक्त चरक संहिता आयुर्वेदावतरण का वर्णन कहाँ पर मिलता है –
9. हेतुलिङ्गौषधज्ञानं __________।
10. आचार्य वाग्भट्ट के अनुसार स्कन्धत्रय है – ___A___
आचार्य चरकानुसार स्कन्धत्रय है – ___B___
त्रिसूत्र – हेतुसूत्र – 3/5 – काल/परिणाम, इन्द्रियाँ, कर्म/प्रज्ञापराध
लिङ्गसूत्र – 5/2 – निदान पञ्चक/ शारीरिक, मानसिक
औषधसूत्र – 3 – दोषशामक, दोषप्रकोपक, स्वस्थहित
आयुर्वेद के विशेषण – शाश्वत, पुण्य, अनन्त, पार, त्रिक्यक
सौजन्मता/परे विस्कन्ध/आयुर्वेद महामतिः ॥25॥ (CCRAS-RA(Ay.) 2015)
उपरोक्त सूत्र में ‘अनन्तापारम्’ में आचार्य चरकपाणि ने ‘गोबिन्दलियाव’ से पार शब्द से आदि अर्थ ग्रहण किया है। (DSRRAU 2013)
चरकानुसार पद पदार्थों का क्रम –
सामान्यं च विशेषं च गुणां द्रव्याणि कर्म च। समवाय च तज्ज्ञात्वा तन्त्रोक्तं विधिमातिष्ठताः॥
लेभिरे परमां शर्म जीवितं चायनित्वरम्। \Leftrightarrow पद पदार्थ के लिये
ज्ञान के देवता – 8 – बुद्धि, सिद्धि, स्मृति, मेधा, कृति, क्षमा, श्रम एवं दम। (UK 2015)
असाध्य व्याधि चिकित्सा – साध्यं न तु असाध्यानां व्याधिनां उपदिश्यते।
साध्य व्याधि चिकित्सा – विपरीतैः गुणैः: देशात्राकालोपपदितेः।
द्विज संज्ञा – वैद्य, ब्राह्मण, दन्त