Charak Samhita || अपामार्गतण्डुलीयमध्यायं व्याख्यास्यामः || Chapter 2 || Part 1
शिरोविरेचन द्रव्य और उनका प्रयोग – अपामार्ग, पिप्पली, मरिच, विडंग, शिग्रु, सर्षप, तुम्बरु, अजाजी, अजगन्धा, पीलु, एला, हरेणुका, पृथ्वीका (बड़ी इलायची), सुरसा, श्वेता, कुठेरक फणिज्झक (तुलसी भेद), शिरीषबीज, लहसुन, हरिद्रा, दारुहल्दी, सैन्धव नमक, काला नमक, ज्योतिष्मता एव नागर (शुण्ठी) इन सभी द्रव्यों का नस्य शिरोविरेचन के लिए प्रयोग करना चाहिए । शिर के भारीपन … Continue reading Charak Samhita || अपामार्गतण्डुलीयमध्यायं व्याख्यास्यामः || Chapter 2 || Part 1
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