Month: September 2022

दिनचर्या,ब्रह्मा मुहूर्त, दतवन का विधान, दतवन कि विधि, दतवन का निषेध

दिनचर्या  अथातो  दिनचर्याध्यायं  व्याख्यास्यामः ।    दिनचर्या  –  ‘प्रतिदिनं कर्त्तव्या चर्या दिनचर्या’  प्रतिदिन करने योग्य चर्या  दिनचर्या है । ब्राह्ममुहूर्त  में जागरण ब्राह्मेमुहूर्त   उत्तिष्ठेत्   स्वस्थो  रक्षार्थमायुषः। स्वस्थ (निरोग) मनुष्य आयु (जीवन) की रक्षा के लिए ब्राह्ममुहूर्त में उठे। चार घड़ी रात्रि शेष रहने (प्रात:काल 4-6 बजे) का नाम ‘ब्राह्ममुहूर्त’ होता है । दन्तधावन शरीरचिन्तां निर्वर्त्य कृतशौचविधिस्ततः ॥१॥ …

दिनचर्या,ब्रह्मा मुहूर्त, दतवन का विधान, दतवन कि विधि, दतवन का निषेध Read More »

आयुर्वेद का प्रयोजन, आयुर्वेदावतरण, अष्टांगहृदय का स्वरुप, आयुर्वेद के आठ अंग

मंगलाचरण :- रागादिरोगान् सततानुषक्तानशेषकायप्रसृतानशेषान् ।औत्सुक्यमोहरतिदाञ्जघान योऽपूर्ववैद्याय नमोऽस्तु तस्मै ।। राग-द्वेष आदि रोगों को, जो नित्य मानव के साथ सम्बद्ध रहते है एवं सम्पूर्ण शरीर में फैले रहते हो, अविचार युक्त कार्य प्रवृत्ति, असन्तोष को उत्पन्न करते हैं, उन सबको जिसने नष्ट किया है, उस आचार्य रूप अर्थात् अद्भुत रूप वैद्य को नमस्कार है। अथात आयुष्कामीयमध्यायं …

आयुर्वेद का प्रयोजन, आयुर्वेदावतरण, अष्टांगहृदय का स्वरुप, आयुर्वेद के आठ अंग Read More »