मूत्र के गुणों का तुलनात्मक अध्ययन
मूत्र चरक सुश्रुत गौ मधुर, कृमिकुष्ठनुत मेध्य, सक्षार अजा पथ्य, दोषान्निहन्ति कषाय, मधुर कासश्वासापहं माहिष सक्षार, शोफ अर्श नाशक दुर्नामोदरशूलेषुकुष्ठ मेहाविशुद्धिषु आवि पित्त अविरोधी, तिक्त कास प्लीहोदरश्वासशोषवर्चोग्रहे वाजि तिक्त,कटु, कुष्ठ व्रण, विषापहम् वातचेतोविकारनुतकृमिदद्रुषु शस्यते उष्ट्र श्वास कास अर्श अर्शोघ्न हाथी कृमिकुष्ठीनाम, प्रशस्त बद्ध विणमूत्र तीक्ष्णक् क्षारे किलासे च नाग मूत्र प्रायोजयेत गधी उन्माद, अपस्मार,ग्रहबाधानाशक गरचेतोविकारघ्न,ग्रहणीरोगनुत …