1. किस आचार्य ने मन का स्थान शिरस्तल्यान्तर्गत माना है।
2. भावप्रकाश के अनुसार ‘‘स्रोतसामवरोधकृत’ यह कर्म किस गुण का है।
3. ‘तल्लिङ्गिलिङ्गपूर्वकम्द्व’ किस संदर्भ में है।
4. माधव ने विद्रधियों को निम्न में से कौनसे उपद्रव होने पर असाध्य माना है।
5. काश्यप ने दीर्घ उपवासित में कौनसा द्रव आहार का प्रयोग बताया।
7. स्थौल्य चिकित्सा में चक्रदत्त ने …………………… योग का वर्णन किया।
8. चरक वर्णित कनकबिंदवरिष्ट का प्रधान घटक .……………….. है।
9. चरक के अनुसार ………………………. अम्लपित्त जनक है।
10. भैषज्य रत्नावलि वातरोग चिकित्सा में वर्णित बृहत वात चिंतामणि का भावना द्रव्य …………….. यह है।