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छः ऋतुएँ, उतरायण – आदान काल (अग्रिगुण प्रधान), आदान काल, विसर्ग काल-परिचय, बल का चयापचय

छः ऋतुएँ मासैर्द्विसङ्ख्यैर्माघाद्यैः क्रमात् षडृतवः स्मृताः । शिशिरोऽथ वसन्तश्च ग्रीष्मो वर्षाः शरद्धिमाः ।।1।।          माघ-फाल्गुन आदि दो-दो महीनों से क्रमशः छः ऋतुएँ होती है। माघ-फाल्गुन : शिशिर ऋतु चैत्र-वैशाख : वसन्त ऋतु ज्येष्ठ-आषाढ़ : ग्रीष्म ऋतु श्रावण-भाद्रपद : वर्षा ऋतु आश्विन-कार्तिक : शरद ऋतु एवं मार्गशीर्ष-पौष : हेमन्त ऋतु । आदान काल – उतरायण  शिशिराद्यास्त्रिभिस्तैस्तु विद्यादयनमुत्तरम् ।  आदानं  च तदादत्ते …

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Important questions for shalya tantra (paper -1)

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न (२० शब्द) सुश्रुत संहिता पर लिखी हुई किन्हीं दो टीका के नाम लिखें। शल्य चिकित्सक के गुण लिखें। शस्त्रों की संख्या बताते हुए उनके नाम लिखें। शस्त्रकोष का वर्णन करें। Write the stages of depth of anesthesia. What is saddle block. स्नायु मर्म की संख्या बताते हुए उनके नाम लिखें। क्षार के …

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Charak Samhita 1 – Dravya – Guna – Karma aur Samvaya

    द्रव्य – गुण – कर्म और समवाय का वर्णन I. द्रव्य वर्णन (Description of Dravya):-              “खादीन्यात्मा मनः कालो दिशश्च द्रव्यसंग्रहः । सेन्द्रियं चेतनं द्रव्यं , निरिन्द्रियमचेतनम् ।” आकाश आदि ( आकाश , वायु , अग्नि , जल और पृथ्वी ) पञ्चमहाभूत द्रव्य तथा आत्मा , मन , …

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