1. आचार्य चरक तथा सुश्रुतानुसार गर्भ की परिभाषा लिखिए।
Ans. “शुक्र शोणितं जीव संयोगे तु खलु कुक्षिगते गर्भ संज्ञा भवति।” ( च. शा. 4/5)
स्त्री के शरीर (Uterus, गर्भाशय) में पुरुष का शुक्र, स्त्री का आर्तव और जीवात्मा का मिलन होने पर उसे गर्भ कहा जाता है।
- “शुक्र शोणितं गर्भाशयस्थं आत्मप्रकृतिविकार सम्मूर्च्छितं गर्भ इत्युच्यते ।” (सु. शा. 5/3)