शरद ऋतुचर्या, आहार विधि, हंसोदक सेवन निर्देश,विहार-विधि, अपथ्य निषेध, संक्षिप्त ऋतु चर्या, रस सेवन निर्देश, ऋतु सन्धि मे कर्तव्य
शरद ऋतुचर्या वर्षांशीतोचिताङ्गानां सहसैवार्करश्मिभिः । तप्तानां सञ्चितं वृष्टौ पित्तं शरदि कुप्यति ॥49॥ तज्जयाय घृतं तिक्तं विरेको रक्तमोक्षणम् । वर्षा एवं शीत का अनुभव करने वाले अङ्गों में सहसा ही सूर्य की किरणों से तपने पर जो पित्त वर्षा एवं शीत से संचित था, वह अब कुपित हो जाता है। इस ऋतु में तिक्त द्रव्यों से …