Charak Samhita – aaragvadh – 1
द्वितीय अध्याय में अन्तःपरिमार्जन ( भीतरी शरीर – शोधन ) के उपयोगी पञ्चकर्म सम्बन्धी औषध – द्रव्यों का वर्णन किया गया है । इसके बाद चिकित्सा के दूसरे प्रकार ‘ बहिःपरिमार्जन ‘ के उपयोगी द्रव्यों का वर्णन और उनके प्रयोग – विधान तथा प्रशस्ति का उपदेश इस अध्याय में किया जायेगा । बाह्य प्रयोगार्थ बत्तीस […]
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