वैशेषिक दर्शन

मुख्य उपपाद्य विषय :- उन पदार्थों का विवेचन करना, जिनके मध्य जीवन पनपता-फूलता है। इसके प्रवर्तक – महर्षि कणाद या उलूक इस दर्शन का नाम ‘वैशेषिक कणाद’ तथा ‘औलूक दर्शन’ भी है। प्रतिपादक ग्रन्थ :- भाषापरिच्छेद, तर्कसंग्रह एवं मुक्तावली आदि । वैशेषिक सिद्धान्त में आत्मा को अनेक माना गया है। Read more…

न्याय दर्शन

इस दर्शन का मुख्य उपपाद्य विषय वस्तुतत्त्व को जानने एवं समझने की प्रक्रियाओं का विस्तृत विवेचन तथा उपपादन है। वह वस्तुतत्त्व चाहे अधिभूत (मन, बुद्धि) हो, अथवा अध्यात्म । जानने-समझने की प्रक्रिया है –प्रमाण । न्याय में विस्तार के साथ ‘प्रमाण’ का सर्वांगपूर्ण उपपादन हुआ है । न्यायदर्शन शास्त्र की Read more…