दिनचर्या,ब्रह्मा मुहूर्त, दतवन का विधान, दतवन कि विधि, दतवन का निषेध
दिनचर्या अथातो दिनचर्याध्यायं व्याख्यास्यामः । दिनचर्या – ‘प्रतिदिनं कर्त्तव्या चर्या दिनचर्या’ प्रतिदिन करने योग्य चर्या दिनचर्या है । ब्राह्ममुहूर्त में जागरण ब्राह्मेमुहूर्त उत्तिष्ठेत् स्वस्थो रक्षार्थमायुषः। स्वस्थ (निरोग) मनुष्य आयु (जीवन) की रक्षा के लिए ब्राह्ममुहूर्त में उठे। चार घड़ी रात्रि शेष रहने (प्रात:काल 4-6 बजे) का नाम ‘ब्राह्ममुहूर्त’ होता है । दन्तधावन शरीरचिन्तां निर्वर्त्य कृतशौचविधिस्ततः ॥१॥ …
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