व्यायाम, व्यायाम से हानि, व्यायाम का निषेध एवं परिणाम
व्यायाम लाघवं कर्मसामर्थ्य दीप्तोऽग्निर्मेदसः क्षयः। विभक्तघनगात्रत्वं व्यायामादुपजायते ॥10॥ व्यायाम करने से शरीर में लघुता (हलकापन), कार्य करने की शक्ति तथा पाचकाग्नि प्रदीप्त होती है। मेदोधातु का क्षय होता है, शरीर के प्रत्येक अंग-प्रत्यंग की मांसपेशियाँ पृथक-पृथक स्पष्ट हो जाती है तथा शरीर घन (ठोस) हो जाता है। व्यायाम का निषेध वातपित्तामयी बालो वृद्धोऽजीर्णी च तं …
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