BAMS 4th year

शालाक्य तंत्र निरुक्ति, परिचय, इतिहास

शालाक्य तंत्र की निरुक्ति :- शलाकया यत्कर्म क्रियते तच्छालाक्यम, शलाकाप्रधानं कर्मशालाक्यम्, तत्प्रधान तन्त्रमपि शालाक्यम्। (डल्हण) शलाका द्वारा कर्म किये जाने के कारण इसे शालाक्य कहते हैं। शलाका प्रधान कर्म को शालाक्य कहते हैं, इसका प्रमुख तंत्र शालाक्य तंत्र कहलाता है। दृष्टि विशारदाः शालाकिनः। (डल्हण) नेत्र विद्या के चिकित्सकों को शलाकिन कहते हैं। शालाक्य तंत्र का […]

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Introduction to Shalya Tantra (शल्यतन्त्र परिचय)

1. शल्य की परिभाषा :- अतिप्रवृद्धं मलदोषजं वा शरीरिणां स्थावरजङ्गमानाम्। यत्किञ्चिदाबाधकरं शरीरे तत्सर्वमेव प्रवदन्ति शल्यम्।                                                                                  

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पंचकर्म परिचय

1. पंचकर्म की परिभाषा लिखिए।  Ans. शोधन की वह विधि जिसके द्वारा शरीर के वृद्ध दोषों या उत्क्लिष्ट कराकर दोषों को प्रायः कोष्ठ में लाकर उनके निकटतम प्राकृत मार्ग से बाहर निकाल कर त्रिदोष साम्य स्थापित कर अपुनर्भव को प्राप्त करते है, उसे पंचकर्म कहते हैं। अपुनर्भव = पुनः जन्म न लेना पांच कर्म = वमन, विरेचन,

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