Introduction to Shalya Tantra (शल्यतन्त्र परिचय)
1. शल्य की परिभाषा :- अतिप्रवृद्धं मलदोषजं वा शरीरिणां स्थावरजङ्गमानाम्। यत्किञ्चिदाबाधकरं शरीरे तत्सर्वमेव प्रवदन्ति शल्यम्। …
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1. पंचकर्म की परिभाषा लिखिए। Ans. शोधन की वह विधि जिसके द्वारा शरीर के वृद्ध दोषों या उत्क्लिष्ट कराकर दोषों को प्रायः कोष्ठ में लाकर उनके निकटतम प्राकृत मार्ग से बाहर निकाल कर त्रिदोष साम्य स्थापित कर अपुनर्भव को प्राप्त करते है, उसे पंचकर्म कहते हैं। अपुनर्भव = पुनः जन्म न लेना पांच कर्म = वमन, विरेचन, …