1. आयुष्कामीय अध्याय
1. आयुर्वेद का प्रयोजन, आयुर्वेदावतरण, अष्टांगहृदय का स्वरूप, आयुर्वेद के आठ अंग | Click here |
2. दोषों का वर्णन, विकृत-अविकृत दोष, दोषों के स्थान एवं प्रकोपकाल, वय आदि के अनुसार काल | Click here |
3. दोषों का कोष्ठ पर प्रभाव, दोषों से गर्भप्रकृति का वर्णन | Click here |
4. वात दोष के गुण, पित्त दोष के गुण, कफ दोष के गुण, संसर्ग-सन्निपात परिभाषा | Click here |
5. धातुओं का वर्णन, मलों का वर्णन, दोष, धातु, मलों की वृद्धि एवं क्षय | Click here |
6. रसों का वर्णन, रसो का वात आदि पर प्रभाव | Click here |
7. द्रव्य का वर्णन, वीर्य का वर्णन, विपाक का वर्णन | Click here |
8. द्रव्यों के गुणों का वर्णन | Click here |
9. रोग एवं आरोग्य के कारण, रोग-आरोग्य में भेद | Click here |
2. दिनचर्या अध्याय
1. ब्रह्म मुहूर्त, दतवन का विधान, दतवन करने की विधि, दतवन का निषेध | Click here |
2. अञ्जन प्रयोग, रसाञ्जन – प्रयोग विधि, नस्य आदि सेवन निर्देश | Click here |
3. ताम्बूल सेवन विधि, ताम्बूल सेवन निषेध, अभ्यंग सेवन विधान, अभ्यंग के प्रमुख स्थान, अभ्यंग का निषेध | Click here |
4. व्यायाम का विधान, व्यायाम का निषेध, अर्धशक्ति एवं काल निर्देश, शरीरमर्दन निर्देश, अतिव्यायाम से हानि, व्यायाम आदि का निषेध | Click here |
5. उद्वर्तन (उबटन) के गुण, स्नान के गुण, उष्ण-शीत जल प्रयोग, स्नान का निषेध | Click here |
6. भोजन आदि कर्तव्य, सुख का साधन धर्म, मित्र-अमित्र सेवन विचार, पापकर्मों का त्याग | Click here |
7. अनुकूल व्यवहार-निर्देश, समदृष्टिता का निर्देश, सम्मान करने का निर्देश, याचकों की सम्मान विधि, समभाव का निर्देश, मधुरभाषण निर्देश, भाषण विधि, विचारों को गुप्त रखें, परच्छन्दानुवर्तन | Click here |
8. इन्द्रियव्यवहार विधि, त्रिवर्ग – विरोध का निषेध, सभी धर्मों का आचरण, शरीरशुद्धि के प्रकार, रत्न आदि का धारण, छाता आदि धारण, दण्ड आदि धारण | Click here |
9. गमन निर्देश, निषिद्ध कार्य, छींक आदि करने की विधि, आंगिक चेष्टाओं की मात्रा, मद्यविक्रय आदि का निषेध, अन्य निषिद्ध कर्म, अन्य सदुपदेश, सदाचार सूत्र, विचार पद्धति, सदवृत्त का उपसंहार | Click here |
3. ऋतुचर्या अध्याय
1. छः ऋतुएँ, उतरायण तथा आदान काल, अग्निगुणप्रधान आदान काल, विसर्गकाल-परिचय, बल का चयापचय | Click here |
2. हेमन्त ऋतुचर्या – प्रातःकाल के कर्तव्य, स्नान आदि की विधि, शीतनाशक उपाय, निवास विधि | Click here |
3. शिशिर ऋतुचर्या, वसन्त ऋतुचर्या, मध्याह्नचर्या, वसन्त ऋतु में अपथ्य | Click here |
4. ग्रीष्म ऋतुचर्या – सेवनीय पदार्थ, सत्तूसेवन विधि, मद्यसेवन विधि, मद्यपान का निषेध, भोजन-विधान, पेय-विधान, रात्रि में दुग्धपान-विधि, मध्याह्नचर्या, शयन – विधान,रात्रिचर्या, मनोहर वातावरण | Click here |
5. वर्षा ऋतुचर्या – शरीर शुद्धि, सेवनीय विहार, त्याज्य विहार | Click here |
6. शरद् ऋतुचर्या – आहार-विधि, हंसोदक सेवन-निर्देश, विहार-विधि, अपथ्य-निषेध, संक्षिप्त ऋतुचर्या, रससेवन-निर्देश, ऋतुसन्धि में कर्तव्य | Click here |
4. रोगानुत्पादनीय अध्याय
1. वेगों को न रोकने का निर्देश, अपान वायु को रोकने से हानि, मलवेगरोधज रोग, मूत्रवेगरोधज रोग, वेगरोधजन्य रोगों की चिकित्सा, मूत्रवेगरोधज रोग-चिकित्सा | Click here |
2. उद्गारवेगरोधज रोग – चिकित्सा, छींक के वेग को रोकने से हानि, हिक्कावेगनिरोधज रोग – चिकित्सा, तृषावेगनिरोधज चिकित्सा, क्षुधावेगनिरोधज रोग – चिकित्सा, निद्रावेगनिरोधज रोग- चिकित्सा, कासवेगनिरोधज रोग – चिकित्सा, श्रमश्वासवेगनिरोधज रोग – चिकित्सा, जृम्भावेगनिरोधज रोग – चिकित्सा | Click here |
3. अश्रुवेगनिरोधज रोग – चिकित्सा, छर्दिवेगनिरोधज रोग – चिकित्सा, शुक्र के वेग को रोकने के कारण उत्पन्न रोग – चिकित्सा, वेगरोधी के असाध्य लक्षण, सामान्य चिकित्सा | Click here |
4. धारणीय वेग, शोधन की आवश्यकता, संशोधन कर्म की प्रशंसा, रसायन वाजीकरण योगों का प्रयोग, शोधनोत्तर चिकित्सा, चिकित्सा का फल, आगन्तुज रोग, निजागन्तुक रोगों का निरोध एवं शमन, शोधन योग्य ऋतुएं, स्वस्थ रहने के उपाय | Click here |
5. द्रवद्रव्यविज्ञानीय अध्याय
1.तोयवर्ग | – गंगा का जल, गंगाजल का परिचय, सामुद्र जल, पानीय जल, न पीने योग्य जल, कूप आदि का जल, जलपान-विधि, जलपान का प्रभाव, शीतल जलपान के लाभ, उष्ण जलसेवन के लाभ, शृतशीत एवं बासी जल, नारियल का ज़ल, उत्तम एवं अधम जल | Click here |
2. क्षीरवर्ग | ॰ सामान्य दूध के गुण, गाय के दूध के गुण, भैंस के दूध के गुण, बकरी के दूध के गुण, ऊँटनी के दूध के गुण, मानुषी दूध के गुण, भेड़ी के दूध के गुण, हथिनी के दूध के गुण, एकशफ दूध के गुण | Click here |
॰ आम-शृत दुग्ध-गुण, धारोष्ण दूध के गुण, दधिगुण-वर्णन, तक्र का वर्णन, मस्तु का वर्णन, नवनीत वर्णन, दूध का नवनीत, घृत के गुण, पुराने घृत के प्रयोग, किलाट आदि का वर्णन, उत्तम अधम विचार | Click here | |
3. इक्षुवर्ग | – ईख के रस का वर्णन, अगले भाग का रस, यान्त्रिक रस के भेद, ईख के भेद एवं गुण, शतपर्वक आदि ईखों के गुण, फाणित के गुण, गुड़ के गुण, पुराने-नये गुड़ के गुण, मत्स्यण्डिका आदि के गुण, यासशर्करा के गुण, सभी शर्कराओं के गुण, शर्करा की उत्तमता | Click here |
4. मधुवर्ग | – मधु का वर्णन, उष्ण मधुसेवन का निषेध, संशोधन में मधु-प्रयोग | Click here |
5. तैलवर्ग | – सामान्य तैल का वर्णन, एरण्डतेल के गुण, सरसों का तेल, बहेड़े की गिरी का तेल, नीम की गिरी का तेल, अतसी-कुसुम्भ तेल, प्राणिज स्नेह | Click here |
6. मद्यवर्ग | – मद्य का वर्णन, नया एवं पुराना मद्य, मद्य का निषेध, विभिन्न सुराओं का वर्णन, वारूणी – परिचय, यव (जौ से निर्मित) सुरा, बहेड़ा की सुरा, कौहली सुरा, मधूलक सुरा, अरिष्ट- परिचय, मुनक्का (मार्द्वीक) आसव, खार्जूर, शार्कर आसव, गुड़-निर्मित आसव, सीधु का वर्णन, मध्वासव का वर्णन, शुक्त का वर्णन, गुड़ आदि शुक्त, कन्द आदि शुक्त, शाण्डाकी-वर्णन, धान्याम्ल आदि का वर्णन, सौवीरक तथा तुषोदक | Click here |
7. मूत्रवर्ग | – मूत्रों का वर्णन | Click here |