अष्टांग हृदय
शिशिर ऋतु काल, वसन्त ऋतु काल, मध्याह्नचर्या,वसन्त ऋतु में अपथ्य
शिशिर ऋतुचर्या अयमेव विधिः कार्यः शिशिरेऽपि विशेषतः । तदा हि शीतमधिकं रौक्ष्यं चादानकालजम् ॥17॥ शिशिर ऋतु में भी हेमन्त ऋतु में कही गयी विधियों का विशेष सेवन करना चाहिए। क्योंकि इस ऋतु में शीत अधिक पड़ने लगती है तथा आदानकाल प्रारम्भ हो जाता है, अतः इसमें रूक्षता आने लगती है। Read more…