AIAPGET Model paper -1 (part-2)

26.सुश्रुतानुसार ‘अजुगुप्सु’ यह गुण किस पाद का है –(a) वैद्य(b) भेषज (c) परिचारक(d) रोगी 27.”रक्तेन पूयभावं गतेन मरणं’ किस मर्मविद्ध का लक्षण है(a) अपलाप(b) अपस्तंभ (c) स्तनमूल(d) स्तनरोहित 28. The insertion of Triceps brachii muscle takes place at –(a) Radius(b) Ulna (c) Humerus(d) Scapula 29. Which statement is wrong about Trochlear nerve –(a) Smallest nerve …

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AIAPGET Model paper -1 (part -1)

1.पिच्छिला, स्राविणी, विप्लुता, उपप्लुता, उत्ताना, उन्नता, शून, स्फोट व शूल लक्षण वाले योनि रोग में किसका प्रयोग निर्दिष्ट है –(a) सुराकिट्ट चूर्ण(b) धातक्यादि तैल (c) पञ्चवल्कल तैल(d) उदुम्बरादि तैल 2. “शतयोजननिम्नांस्तान्कश्त्वा कूपास्तु पञ्च च” किसकी पौराणिक उत्पत्ति के संदर्भ में है –(a) स्वर्ण(b) अभ्रक (c) वज्र(d) पारद 3.”यमज में एक संतान की मृत्यु तथा दूसरे …

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Importance of Kriyakala in Chikitsa

चिकित्सा की योजना में क्रियाकाल का महत्व क्रिया = चिकित्साकाल = उचित समय सामान्य शब्दों में चिकित्सा का जो उचित समय है, उसे ही क्रियाकाल कहते हैं। अन्य शब्दों में विषम (कुपित) दोष जिस क्रम से रोग उत्पन्न करते हैं, उन्हें ही क्रियाकाल कहते हैं। क्रियाकाल का महत्व : क्रियाकाल के ज्ञान से कुपित दोषों …

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वैशेषिक दर्शन

मुख्य उपपाद्य विषय :- उन पदार्थों का विवेचन करना, जिनके मध्य जीवन पनपता-फूलता है। इसके प्रवर्तक – महर्षि कणाद या उलूक इस दर्शन का नाम ‘वैशेषिक कणाद’ तथा ‘औलूक दर्शन’ भी है। प्रतिपादक ग्रन्थ :- भाषापरिच्छेद, तर्कसंग्रह एवं मुक्तावली आदि । वैशेषिक सिद्धान्त में आत्मा को अनेक माना गया है। समस्त अर्थतत्त्व को वैशेषिक छ: …

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न्याय दर्शन

इस दर्शन का मुख्य उपपाद्य विषय वस्तुतत्त्व को जानने एवं समझने की प्रक्रियाओं का विस्तृत विवेचन तथा उपपादन है। वह वस्तुतत्त्व चाहे अधिभूत (मन, बुद्धि) हो, अथवा अध्यात्म । जानने-समझने की प्रक्रिया है –प्रमाण । न्याय में विस्तार के साथ ‘प्रमाण’ का सर्वांगपूर्ण उपपादन हुआ है । न्यायदर्शन शास्त्र की रचना महामुनि गौतम ने सम्पूर्ण …

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दर्शन एवं उनका श्रेणी विभाजन

भारतीय दर्शनशास्त्रों को हम प्रमुखतः दो वर्गों में बाँट सकते हैं – ( क ) आस्तिक दर्शन – परलोक, ईश्वर तथा वेद में आस्था रखता है । ये दर्शन वेदमूलक होने के कारण ईश्वरीय ज्ञान से भरा पड़ा है। वेद का अर्थ होता है-ज्ञान, ईश्वरीय ज्ञान, सत्यतत्त्व का ज्ञान । दार्शनिक विषयों का आदिस्रोत वेद …

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Important questions for panchkarma

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न (२० शब्द) (1) लेप के प्रकार लिखिए । Write the types of Lepa (2) गंडूष को समझाए । Explain Gandoosh (3) रुक्षण चिकित्सा के योग्य लिखिए । Write the indications of Rookshana therapy (4) What is wax therapy – मोम चिकित्सा क्या है। (5) अष्ट महादोषकर भाव लिखिए । Write Ashta Mahadoshakarabhava. …

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ANKYLOSING SPONDYLITIS

It is a chronic disease characterized by a inflammatory stiffening of the joints. Common site :- Sacro-iliac joint Causes :- Genetic marker HLA-B27 is responsible for this disease. Pathogenesis:- Inflammation of synovial membrane known as synovitis Cartilage destruction Bone erosion Leads to fibrosis Bone fusion (ankyloses) Spine permanently stiff. Clinical feature:- Pain and stiffness of …

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Important questions of shalya tantra paper 2nd .

अति लघुत्तरात्मक प्रश्न (सभी प्रश्नों के उत्तर२० शब्दों मैं दे।) (1) Colle’s Fracture.(कोलीस फ्रैक्चर) (2) Osteomalacia.(अस्थिक्षय)। (3) Hiatus Hernia.(हायट्स हर्निया)। (4) Ascites.(जलोदर) (5) Murphy’s syndrome.(मर्फीस सिंड्रोम) (6) Imperforated Anus.(छिद्रहीन गुदा) (7) Pruritus ani(गुद कण्डु) (8) Gray Turner’s sign (9) ERCP (ई.आर.सी.पी) (10) Types of Hydrocele. वृद्धिरोग के प्रकार (11) Hesselbach’s Triangle. (12) Types of dislocation. …

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